Good Governance Day 2023 | सुशासन दिवस 2023 | जानिए इतिहास, महत्व और क्यों मनाते हैं भारत में इस दिन को

Good Governance Day 2023 | सुशासन दिवस 2023 : अभी तक पूरे भारत देश में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता था। लेकिन अब से 25 दिसंबर को Good Governance Day मनाने की घोषणा की गई है। 25 दिसंबर को हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्म दिवस है।

इसलिए उनकी याद में और उन्हें हमेशा के लिए आदर और सम्मान देने के लिए सुशासन दिवस रूप में घोषित किया गया है। भारत सरकार ने घोषणा की है कि अब से 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। सुशासन दिवस को गुड गवर्नेंस डे के नाम से भी जाना जाएगा। आईए जानते हैं इस बारे में पूरी जानकारी।

25 दिसंबर को मनाया जाएगा Good Governance Day 2023

अटल बिहारी वाजपेई हमारे देश के दसवें प्रधानमंत्री थे। अटल बिहारी वाजपेई एक भारतीय राजनीतिक के होने के साथ-साथ एक बहुत बड़े लेखक भी थे। एक बार अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था कि एक दिन आप एक पूर्व प्रधानमंत्री बन सकते हैं, लेकिन आप कभी भी पूर्व कवि नहीं बन सकेंगे। आज हम आपको अटल बिहारी वाजपेई के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। आज हम आपको उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक उनके बारे में सब कुछ साझा करेंगे।

कब हुआ था प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्म

हमारे देश के दसवें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। अटल बिहारी वाजपेई ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया, जिसने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन का अंत कर दिया।

Good Governance Day 2023
Good Governance Day 2023

उसके बाद उन्होंने वर्ष 1947 में दीनदयाल उपाध्याय के समाचार पत्रों के लिए एक पत्रकार के रूप में राष्ट्रीय धर्म, पांच जन और दैनिक समाचार पत्रों स्वदेश और वीर अर्जुन में काम करना शुरू किया। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेई ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रभावित होकर 1991 में भारतीय जन संघ में शामिल हो गए।

अटल बिहारी वाजपेई को 1996 तथा 1999 में दो बार प्रधानमंत्री के पद के लिए चुना गया। इतना ही नहीं एक अच्छे संसद के रूप में अटल बिहारी वाजपेई को 1994 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।

यह पुरस्कार उन्हें सभी सांसदों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में परिभाषित करता है। इतना ही नहीं अटल बिहारी वाजपेई को 2015 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया। इससे पहले 1994 में दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी अटल बिहारी वाजपेई जी को सम्मानित किया गया था ।

Good Governance Day का इतिहास

हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्म दिवस को पूरे भारत में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय सरकार ने 2014 में सुशासन दिवस बनाने की घोषणा की थी।

अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाना देशवासियों के लिए बहुत ही सम्मान की बात है। अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन को पूरे देश भर में सुशासन दिवस बनाने के लिए पहली बार घोषणा भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी विकास विभाग द्वारा की गई थी।

सुशासन दिवस मनाने के लिए ई गवर्नेंस के माध्यम से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उस दिन सुशासन दिवस की घोषणा की गई थी। इस कार्यक्रम को सभी सरकारी अधिकारियों की बैठक और संचार के लिए आमंत्रित किए गए नेताओं द्वारा आयोजित किया गया था।

यहां एक दिन की लंबी प्रदर्शनी का आयोजन करके और सरकारी अधिकारियों को भाग लेने के साथ ही ई गवर्नेंस और प्रदर्शनी के बारे में कुछ सुझाव देने के लिए आमंत्रित करके मनाया जाता है। पूरे भारत में सुशासन दिवस की घोषणा 25 दिसंबर को की गई है।

इस दिन देश में क्रिसमस को लेकर अवकाश रहता है। लेकिन सुशासन दिवस पर पूरे दिन काम करने की घोषणा की गई है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी का 90 वां जन्मदिन था जब यह घोषणा की गई थी।

Good Governance Day 2023
Good Governance Day 2023

Good Governance Day कैसे मनाते हैं

पूरे भारत देश में 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है। सुशासन दिवस हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की याद में सेलिब्रेट किया जाता है। राज्य सरकार ने अटल बिहारी वाजपेई और मदन मोहन मालवीय की जयंती पर सुशासन दिवस मनाने की घोषणा की है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सरकारी कार्यालय, स्कूलों, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों को विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करके सुशासन दिवस को मनाने का आदेश दिया गया है। स्कूल और कॉलेज में भी सुशासन दिवस मनाया जाएगा।

इस दिन अलग-अलग तरह की गतिविधियों में विद्यार्थी भाग लेंगे। स्कूल में विद्यार्थियों के बीच संबंध लेखन प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, वाद-विवाद समूह चर्चा, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, खेल आदि आयोजित किए जाएंगे। विद्यार्थियों की सहायता के लिए सुशासन दिवस वाले दिन प्रतियोगिता की ऑनलाइन व्यवस्था भी की जाती है, जिसमें विद्यार्थी ऑनलाइन हिस्सा ले सकते हैं।

इन प्रतियोगिताओं में ऑनलाइन निबंध लिखना, ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आदि शामिल है। स्कूलों में सुशासन दिवस पर दो दिन तक समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसके तहत सभी विद्यार्थी अलग-अलग गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। बहुत से स्कूलों में 25 दिसंबर को ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

इसलिए विद्यालयों को खोलना आवश्यक नहीं है। विद्यार्थी ऑनलाइन प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं, जिस भी विद्यार्थी को प्रतियोगिता में भाग लेना अच्छा लगता है वह प्रतियोगिता में भाग ले सकता है और जिस विद्यार्थी को प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेना है उनके साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं है।

क्योंकि ऑनलाइन प्रतियोगिता स्वैच्छिक है। यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों को हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं करती है। प्रतियोगिता में हिस्सा लेना विद्यार्थी के इच्छा पर निर्भर करता है, जो विद्यार्थी इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं वह आसानी से प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। लेकिन जिनके पास इंटरनेट सुविधा नहीं है वह ऑनलाइन प्रतियोगिता से वंचित रहेंगे।

सुशासन क्या होता है

बहुत से लोगों को शासन का मतलब नहीं पता। आज हम आपको बताते हैं कि शासन का मतलब क्या होता है। शासन का मतलब निर्णय लेना एवं जिसके द्वारा निर्णय लिया जाता है उसकी एक प्रक्रिया होती है।

शासन का उपयोग कई संदर्भ में किया जाता है। उदाहरण के तौर पर कॉर्पोरेट शासन, अंतरराष्ट्रीय शासन, राष्ट्रीय शासन और स्थानीय शासन। 1992 के अंदर शासन और विकास नामक रिपोर्ट में विश्व बैंक ने सुशासन यानी कि गुड गवर्नेंस की परिभाषा को तय किया था, जिसके अंदर सुशासन का मतलब विकास और शासन का मतलब निर्णय लेना था। सुशासन का मतलब विकास के लिए देश के आर्थिक एवं सामाजिक संसाधनों के प्रबंधन में शक्ति का प्रयोग करने के तरीके या उनके लिए निर्णय लेने होता है।

Good Governance की विशेषताएं

सुशासन की अपनी कुछ आठ प्रमुख विशेषताएं भी होती हैं, जिसके अंदर भागीदारी, आम सहमति, जवाबदेही, पारदर्शिता, उत्तरदाई, प्रभावी एवं कुशल, न्याय संगत और समावेशी होने के साथ-साथ कानून के शासन का अनुसरण करना शामिल है।

सुशासन का मतलब होता है कि भ्रष्टाचार को कम से काम किया जाना, साथ ही अल्पसंख्यकों के विचारों को ध्यान में रखना। जहां पर सुशासन लागू होता है वहां पर निर्णय लेने के लिए कमजोर लोगों की बात भी सुनी जाती है। यह समाज की वर्तमान एवं भविष्य की जरूरत के लिए भी उत्तरदाई होता है। आज हम आपको सुशासन के आठ सिद्धांतों के बारे में डिटेल में बताने वाले हैं।

Atal Bihari Vajpayee
Atal Bihari Vajpayee

भागीदारी –  सुशासन का पहला सिद्धांत होता है भागीदारी। सुशासन में लोगों को वैध संगठनों या प्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी राय देने में सक्षम होना चाहिए। केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं समाज के कमजोर वर्ग, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक लोग भी अपनी राय दे सकते हैं। भागीदारी का मतलब संघ एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से भी है, यानी हमारे देश में सभी लोग अपनी राय देने के लिए स्वतंत्र है।

कानून का शासन –  सुशासन का दूसरा सिद्धांत होता है कानून का शासन। कानून में जो भी कुछ नियम बनाए जाते हैं या ढांचा तैयार किया जाता है वह निष्पक्ष रूप से लागू होता है। विशेषकर मानव अधिकार कानून में पूरी पारदर्शिता होती है। कानून के शासन के बिना राजनीति मत से न्याय के सिद्धांत अर्थात मछली के कानून का पालन करना जिसका मतलब होता है कि ताकतवर कमजोरों पर प्रबल होते हैं।

आम सहमति उन्मुख – आम सहमति उन्मुख सुशासन का तीसरा सिद्धांत है। यह निर्णय लेने से संबंधित है। आम सहमति उन्मुख निर्णय लेने से यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी सामान्य व्यक्ति की न्यूनतम जरूरत पूरी की जा सकती है। उसकी जरूरत पूरी करने के लिए किसी को हानि नहीं पहुंचनी चाहिए। यानी जो जरूरत है वह पूरी करने के लिए हानिकारक नहीं होना चाहिए। यह एक समुदाय के सर्वोत्तम हितों को पूरा करने के लिए व्यापक सहमति के साथ-साथ विभिन्न हितों की मध्यस्थता भी करता है।

न्याय संगत एवं समावेशी –  न्याय संगत एवं समावेशी सुशासन का चौथा सिद्धांत है, जो कि हमारे समाज में होने वाले निर्णय के लिए आश्वासन देता है। सुशासन एवं समता मूलक लोगों में न्याय संगत एवं समावेशी को लागू करता है, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार करता है और उसे बनाए रखने का अवसर प्रदान करता है।

प्रभावशीलता एवं दक्षता –  प्रभावशीलता एवं दक्षता सुशासन का पांचवा सिद्धांत है जो की विभिन्न संस्थाओं को अपने समुदाय की जरूरत को पूरा करने के लिए या फिर उसके परिणाम को जानने के लिए सक्षम माना जाता है। समुदाय के संसाधनों का उपयोग अधिकतम उत्पादन के लिए प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए।

जवाबदेही –   सुशासन का छठ सिद्धांत है जवाबदेही। जवाबदेही का मतलब होता है किसी को पूछे गए प्रश्न के बारे में जवाब देना। सुशासन का उद्देश्य लोगों की बेहतरीन पर आधारित है और यह सरकार के बिना लोगों के प्रति जवाब दे नहीं हो सकता है। सरकारी संस्थानों, निजी क्षेत्र और नागरिक संगठनों को सार्वजनिक एवं संस्थागत हिट धारकों के प्रति जवाब देह होना जरूरी है।

पारदर्शिता –  सुशासन का सातवां सिद्धांत है पारदर्शिता। पारदर्शिता का मतलब होता है जिसके अंदर कोई भी छल कपट ना हो। आवश्यक सूचनाओं जनता के लिए सुलभ हो और उनकी निगरानी होनी चाहिए। पारदर्शिता का मतलब है कि किसी भी बात पर मीडिया का कोई नियंत्रण न होना और लोगों तक सभी सूचनाओं को पहुंचाना।

अनुक्रिया शीलता –  अनुक्रिया शीलता सुशासन का आठवां सिद्धांत है, जिसके तहत संस्थाओं और प्रक्रियाओं द्वारा उचित समय में हितकारी को सेवा प्रदान करना है।

सुशासन का इतिहास

आज हम आपको Good Governance Day के इतिहास के बारे में बताने वाले हैं। हमारे देश में भगवत गीता को सबसे ज्यादा माना जाता है। भगवत गीता सुशासन नेतृत्व कर्तव्य, परायणता और आत्म बल को कई प्रकार से संदर्भित करता है। सुशासन की आधुनिक तरीके से एक बार फिर से व्याख्या की गई है।

कौटिल्य के अर्थशास्त्र में जब राजा कोई भी कार्य करता था तब लोगों के कल्याण और सर्वोपरि को ध्यान में रखा जाता था। इसके बाद महात्मा गांधी ने सु-राज पर जोर दिया था, जिसका अनिवार्य रूप से मतलब सुशासन होता था। भारतीय संविधान में भी सुशासन के अलग-अलग रूप में इस्तेमाल किया गया है।

शासन के महत्व को स्पष्ट रूप से लेखन अंकित किया गया है जो की संप्रभु समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक गणराज्य पर आधारित है। साथ ही देश का लोकतंत्र या कानून में शासन लोगों के कल्याण के लिए बनाया गया है।

सतत विकास लक्षण को भी सुशासन के साथ जोड़ा गया है अगर हम पूर्व संयुक्त राष्ट्रीय महासचिव काफी आनंद के अनुसार सुशासन के बारे में बताएं तुम उनका कहना है कि सुशासन मानव अधिकारों के लिए सम्मान और कानून का शासन सुनिश्चित करता है। साथ ही सुशासन लोकतंत्र को भी मजबूत बनाता है और लोक प्रशासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।

Good Governance Day पर पूर्व प्रधानमंत्री को किया जाता है याद

सुशासन दिवस को गुड गवर्नेंस डे के नाम से भी जाना जाता है और यह हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की याद में मनाया जाता है। सुशासन दिवस यानी 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेई का जन्मदिन होता है।

इस दिन उन्हें याद करके श्रद्धांजलि दी जाती है। अलग-अलग जगह पर सेमिनार के आयोजन होते हैं। आयोजनों में अटल बिहारी वाजपेई के बारे में विस्तार से बताया जाता है। आप सबको बता दे कि हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का साल 2018 में निधन हो गया था।

FAQ

Qns. 25 दिसंबर को Good Governance Day क्यों मनाया जाता है?

Ans. सुशासन दिवस भारत में प्रतिवर्ष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती के रूप में 25 दिसंबर के दिन मनाया जाता है।

Qns. सुशासन सप्ताह कब मनाया गया?

Ans. प्रथम सुशासन सप्ताह का आयोजन 20 से 26 दिसंबर 2021 तक किया गया।

Qns. भारत में 25 दिसंबर किसका जन्मदिन है?

Ans. नरेंद्र मोदी के प्रशासन ने 2014 में घोषणा की कि वाजपेयी के जन्मदिन, 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

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